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Mithali Raj: भारतीय महिला क्रिकेट की शान कहे जाने वालीं मिताली राज क्रिकेट से कैसे जुड़ा नाता !




Mithali Raj : भारतीय महिला क्रिकेट (Indian women's cricket) की शानदार खिलाडी कही जाने वालीं मिताली राज ने 39 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने घोसणा कर दी है | मिताली क्रिकेट के सभी फॉरमैट से संन्यास ले लिए है | मिताली ने लगभग 23 साल भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया | 

उन्होने भारत क्रिकेट टीम की ओर से सभी फॉरमेट मिलाकर 333 मैच खेले और इन मैचों में वर्ल्ड रिकॉर्ड 10,868 रन बनाए, वह भारत टीम की पहली कप्तान थीं, मिताली ने दो वर्ल्ड कप फ़ाइनल में टीम का नेतृत्व किया | पुरुषों के दबदबे वाले क्रिकेट में मिताली राज की उपलब्धियों ने देश भर की लड़कियों को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया | 

मिताली राज ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, "देश की ओर से ब्लू जर्सी में खेलना सबसे बड़ा सम्मान है और मैं छोटी उम्र से ही इस यात्रा पर थी. इस सफ़र में उतार चढ़ाव आए और  हर खेल प्रतियोगिता से मुझे कुछ अलग सीखने को मिला और मेरे जीवन के सबसे संतुष्टि भरे, चुनौतीपूर्ण और आनंदित करने वाले बीते 23 साल रहे."

अनुशासन उसकी लंबी उम्र का आधार रहा है और यह जानना अजीब है कि राज को खेल से परिचित कराया गया था क्योंकि वह बहुत आलसी थी। मिताली भाई को जॉन क्रिकेट अकादमी सिकंदराबाद छोड़ने जाती थी | कहा जाता है की उनके पिता ने ही अपने बेटे के साथ उन्हें भी जॉन क्रिकेट अकादमी सिकंदराबाद भेजना शुरू किया था. उनके पिता उनके पिता दोराई राज जो भारतीय वायुसेना में तैनात थे | 

इसके चलते थोड़े समय बाद उन्होंने बल्ले से अभ्यास करना शुरू कर दिया |  उनके खेल से अकादमी के कोच ज्योति प्रसाद  मिताली की तकनीक से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उसे कोच संपत कुमार के पास लेकर चले गए | 

संपत कुमार उस समय हैदराबाद की दो महिला क्रिकेट टीमों के कोच थे, उनकी प्रशंसा ने भी मिताली की खेल में दिलचस्पी बढ़ा दी और भारतीय शास्त्रीय संगीत के अपने पैशन को पीछे छोड़ते हुए मिताली राज ने पिता के चुने खेल में करियर बनाने का फ़ैसला किया  | 

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