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अलविदा सतीश कौशिक.....! कभी 'कैलेंडर' और कभी 'मुथु स्वामी' बनकर हंसाया

(Satish Kaushik) सतीश कौशिक ने आज फ़िल्मी दुनिया समेत अहम सब को अलविदा कह गए | सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को महेंद्रगढ़ जिले (अब हरियाणा में) हुआ था | कौशिक जी ने 35 साल तक बॉलीवुड में काम किया और अपनी जानदार कॉमेडी से करोड़ों फैंस को हजारों पर हंसाया |  

सतीश कौशिक ने कभी 'कैलेंडर' और कभी 'मुथु स्वामी' के रूप में सबको हंसाया, हंसाया और आज हंसता चेहरा हमेशा के लिए शांत हो गया | 

सतीश कौशिक ने फिल्‍मों में काम करने से पहले एक कपड़ा मिल में 400 रुपये महीने की पगार पर नौकरी की थी, उनके सपने बड़े थे और इसे पूरा करने के लिए सपनों की नगरी मुंबई आ गए | 

साल 2020 में सतीश कौशिक ने टि्वटर पर एक तस्‍वीर साझा कर बताया था कि कैसे 1979 में वह सिर्फ एक झोला और अटैची लेकर मुंबई आए थे | उन्‍हें शुरू से ही थियेटर से प्रेम था और इसीलिए अभिनेता बनने मुंबई आ पहुंचे, और यही से उनका अभिनेता बनने का लक्ष्य शुरू हुआ | 

अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि दिल्ली के करोल बाग से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर उन्हें एक सपने जैसा लगता है | कौशिक के मुताबिक उनके पिता सेल्समैन थे। सतीश कौशिक अक्सर अपने पिता से कहा करते थे कि वह चाहते हैं कि उनका नाम अखबारों में छपे।

इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने फिल्म 'गाइड' देखने के लिए अपनी मां के तकिए के नीचे से 5 रुपये चुराए और इसके लिए उन्हें मार खानी पड़ी। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में कई नाटक किए जिसके लिए उन्हें पुरस्कार भी मिले।

मुंबई में अपने शुरुआती दिनों में, उन्होंने पॉकेट मनी के लिए एक कपड़ा मिल में भी काम किया था |  उन्होंने बताया कि उन्होंने शेखर कपूर की फिल्म 'मासूम' से 500 रुपये की सैलरी पर काम करना शुरू किया था |  फिल्मों में निर्देशन और अभिनय के अलावा, सतीश ने टीवी के लिए कुछ कार्यक्रम भी तैयार किए।

सतीश कौशिक और उनकी पत्नी शशि अपने 2 साल के बेटे की मौत के बाद टूट गए थे, लेकिन सालों बाद सरोगेसी के जरिए उन्हें फिर से माता-पिता बनने की खुशी मिली। सतीश कौशिक ने बतौर निर्देशक अपनी सबसे बड़ी हिट 'तेरे नाम' की थी और अब उनकी नई फिल्म 'वादा' बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देने वाली थी | 

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